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2025 mein durga puja kab hai और क्यों मनाई जाती हैं /जाने पूरी जानकारी।
Bewafa shayarisSeptember 18, 2025
2025 mein durga puja kab hai और क्यों मनाई जाती हैं
हिंदू पंचांग के अनुसार दुर्गा पूजा का त्यौहार 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी यह त्यौहार खास करके बिहार झारखंड बंगाल में काफी प्रसिद्ध है यह त्यौहार में कभी धूमधाम से मनाया जाता है और यह इंडिया का महा लोकप्रिय त्यौहार भी है इस त्यौहार में लोग नए-नए वस्त्र का लेनदेन करते हैं और हर जगह इस त्यौहार में बड़े-बड़े मेला कई भी आयोजित किया जाता है कई जगह बकरे को भी बाली दिया जाता है जैसे कि हम बिहार झारखंड की बात करें तो उधर बकरे की बाली दिया जाता है और बंगाल की बात करें तो वहां पर बड़े-बड़े सिटी में मेले का आयोजन किया जाता है। जैसे कि लोग बहुत दूर-दूर से मेले देखने के लिए आते हैं।
durga puja kab hai
राजस्थान दुर्गा पूजा आपको सितंबर में मनाई जाएगी यानी की दुर्गा पूजा 22 सितंबर से स्टार्टिंग होती है जो की मंदिरों में पाठ पूजा किया जाता है और 2 अक्टूबर को दुर्गा पूजा जो दशहरा के नाम से भी जाने जाते हैं।
बहुत समय पहले की बात है जब धरती पर रक्षा और असुरों की आतंग बढ़ गया था जो महिषासुर नमक जैसे शक्तिशाली जैसे रक्षाश थे। जो कि स्वर्ग लोक में आक्रमण कर दिया और देवता को पराजित कर दिया।भगवान विष्णु और शिव ब्रह्मा के शरण में तीनों देवता गान मिलकर एक देवी की रचना की जो महिषासुर राक्षस को बंद कर सके इस तरह मां दुर्गा का अवतार हुआ। मां दुर्गा को सभी देवताओं ने अस्त्र-शस्त्र दिए वह दिव्य सिंग पर सवार होकर युद्ध करने चली गई यह युद्ध 9 दिन तक चलती रही और विजयदशमी के दिन माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर ही दिया और उसे दिन माता दुर्गा ने उनका मारने की खुशी मनाएं। और वह दिन से ही दुर्गा पूजा मनाई जा रही है। दुर्गा पूजा मनाने के पीछे रहस्य दुर्गा पूजा मनाने के पीछे एक और यह कहानीहै कि भगवान राम का जन्म होने से पहले कई वर्षों साल पहले धरती पर महिषासुर नाम का राक्षस रहता था जो की काफी शक्तिशाली और बलवान था उसका एक हिस्सा में भैंस का चेहरा था और दूसरे हिस्से में इंसान का पूर्व काफी दिन से ब्रह्माजी की तपस्या क्या ओर एक दिन उसकी तपस्या करने से प्रसन्न होकर होकर ब्रह्मा जी बोले कि हम हमारे तपस्या से प्रसन्न है बोलो तुम्हें क्या चाहिए तो महिषासुर ने कहा हमें हमेशा अमर होने का वरदान दीजिए तो ब्रह्मा जी ने कहा हम यह वरदान आपको नहीं दे सकता हूं क्योंकि यह सृष्टि के खिलाफ हो जाएगा इसलिए आप कोई दूसरा वरदान मांग सकते हैं। तब जाकर वह महिषासुर ने कहा मुझे यह वरदान दीजिए की तीनों लोग का देवता मिलकर ना मुझे मार सके ना मुझे मृत्यु प्रदान कर सके तो ब्रह्मा जी ने किया वरदान दे दिया और कहा ठीक है हम तुम्हें यह वरदान देते हैं। यह वरदान उसको मिलने के बाद वह काफी ज्यादा घमंड और शक्तिशाली होने लगा और वह सभी देवता गण पर अत्याचार करने लगा तभी सभी देवता गण मिलकर ब्रह्मा जी विष्णु जी और शंकर जी के शरणमें गया और वह सभी लोग अपना समस्या सुमाने लगा और हुआ सभी देवता गन की समस्या सुनने के बाद तीनों ने अपनी शक्ति से एक देवी की रचना की जिसका नाम दुर्गा था और वह काफी सुंदर भी दिखती थी और वह उसे राक्षस से युद्ध करने चल दिया महिषासुर राक्षस ने उसे देवी को देखते ही खुश हो गया और वह उनसे शादी करने के लिए चाहने लगा। तभी देवी ने कहा कि मुझे युद्ध से हराना होगा तभी मैं आपसे शादी कर सकती हूं। महिषासुर राक्षस इस वचन को मान गए और दोनों जन युद्ध करने लगे या दोनों जान बहुत शक्तिशाली थे लेकिन युद्ध करते-करते 9 दिन तो कुछ चला और दसवां दिन में मां दुर्गा ने उसे राक्षस को मार गिराया तभी से दुर्गा पूजा का त्यौहार मनाने जाने लगा है। निष्कर्ष। दोस्तों आज का जानकारी में हमने दुर्गा पूजा क्यों मनाया जाता है और दुर्गा पूजा कब है इसके बारे में हमने चर्चा की और मैं उम्मीद करता हूं कि यह जानकारी आप लोगों को काफी पसंद आया होगा जी यह जानकारी आप लोग को अच्छा लगे तो आप सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें धन्यवाद।
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